Skip to main content

Posts

Showing posts from April, 2014

मोदी जी ने ठीक ही तो कहा राहुल को बच्चा

मोदी जी द्वारा राहुल माइनो के लिये ’बच्चा’ सम्बोधन सटीक एवं उपयुक्त है। इससे मोदी जी का शब्दसामर्थ्य पता चलता है। ’बाल’ /’वत्स’ जिसका अपभ्रंश रूप ’बच्चा’ है, उनके लिये भी प्रयुक्त होता है, जो किसी विषय, विधा अथवा शास्त्र में अनभिज्ञ हों अथवा उसके विषय में जानकारी प्राप्त करने की शुरुआत कर रहे हों। जैसे यदि कोई व्यक्ति ’जर्मन’ भाषा सीखना प्रारम्भ करता है तो वह ’जर्मन’ भाषा के लिये ’बच्चा’ ही होगा।  यद्यपि राहुल ’आयुवृद्ध’ हैं परन्तु यह बात भी सत्य है कि वे ’ज्ञान-बाल’ हैं। ’अनुभव-बाल’ भी उनको कहा जा सकता है। राजनीति में मुख्यतः तीन प्रकार के पौधे होते हैं- (१)जंगल में स्वयं के लिये संघर्ष करके उगे देवदार, (२) गमले में किसी के द्वारा रोपे एवं संरक्षित किये गया सजावटी गेंदा (गेंदा इसलिये कि इसमें अपना कुछ एण्टीबैक्टीरियल गुण तो होता है। यद्यपि दूसरों के हाथों रोपे जाते हैं) (३) ग्रीन हाउस में गम्भीर संरक्षण (ICU) में पले-बढ़े पौधे, जिनको वह धूप भी कुम्हला देती है, जिसके लिये ’देवदार’ संघर्ष करते हैं। राहुल गाँधी तीसरी कोटि के पौधे हैं। हम सभी जानते हैं कि ग्रीन हाउस की उपज कितनी क्षणिक

मुलायम के कलुषित हृदय को उजागर करने वाली धन्य है तू जिह्वा...

कहते हैं कि दिल की बात जुबान पर आ ही जाती है। आखिर मुलायम सिंह दिल की बात निकालने को उतावली अपनी मचलती रसना (जीभ) को भला कब तक रोक पाते? अपनी जीभ से तलवार चलाने में माहिर समाजवादी पार्टी के "समाजवादी" नेता जी के मुँह से उनकी असलियत तो निकलनी ही थी, सो निकल गयी। समाजवादी पार्टी विषवमन और समाज में विषवपन के लिये प्रसिद्ध है ही। आखिर विष के बीज बो-बो कर उसकी पार्टी सत्ता में जो आती है। अब भला अपना चरित्र कैसे छोड़ दे? जो लोग आजम खाँ की विषाक्त जिह्वा से आश्चर्यचकित थे, उन्हें अब पता चल गया होगा कि उसकी कैंची जैसी जीभ को बल कहाँ से मिलता है। आज ’जैसा राजा वैसी प्रजा’ कहावत भले न सही हो पर ’जैसा मुखिया वैसे घरवाले’ ये कहावत चरितार्थ हो गयी। मुलायम ने समाज में वैमनस्य फैलाने वाली बेलगाम जुबानों पर कभी लगाम लगाने की कोशिश नहीं की, क्योंकि ये तो उन्हीं के द्वारा इसी विषवमन के लिये रोपे गये पौधे थे। आज उन्हीं मुलायम की स्त्रियों के प्रति घटिया एवं अपराधियों के प्रति उदात्त भावना देखकर मुझे कदापि आश्चर्य नहीं हो रहा है। उत्तरप्रदेश के हर नागरिक को, जो मुलायम का क्रीतदास नहीं है, उसे य